एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटFACEBOOK ADITYANATHलखनऊ में चल रहे दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (निवेश समिट) में रविवा
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लखनऊ में चल रहे दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (निवेश समिट) में रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस राज़ से पर्दा हटाया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री का पद क्यों सौंपा गया.
अमित शाह ने कहा, “निष्ठा और परिश्रम करने की क्षमता के आधार पर हमने और हमारे नेता नरेंद्र भाई मोदी ने योगी जी को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी और योगी जी हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे.”
अमित शाह लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का उद्घाटन करने पहुंचे थे.
इस मौक़े पर उन्होंने योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ़ की और कहा कि तमाम लोगों ने मुख्यमंत्री पद पर योगी आदित्यनाथ की नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया था लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा किया.
अमित शाह का कहना था, “कई लोगों के फ़ोन आए. लोगों ने कहा कि जो व्यक्ति कभी मंत्री नहीं रहा, नगर निगम तक में कोई ज़िम्मेदारी नहीं निभाई, योगी जी संन्यासी आदमी, मठाधीश, उन्हें आप इतने बड़े राज्य की कमान सौंपने जा रहे हो. लेकिन पार्टी ने उन्हें ये ज़िम्मेदारी दी और योगी जी ने अपनी नियुक्ति को सही ठहराया.”
दरअसल, गोरखपुर में गोरखधाम मंदिर के मुख्य पुजारी रहे योगी का इस पद के लिए चुना जाना कई लोगों के लिए हैरान करने वाला था.
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हालांकि वो लगातार कई बार से गोरखपुर से सांसद बन रहे थे और बीजेपी के स्टार प्रचारक भी थे लेकिन न तो कभी संगठन में और न ही किसी सरकार में उन्होंने कभी कोई ज़िम्मेदारी निभाई थी. इसीलिए मुख्यमंत्री पद पर उनके नाम की घोषणा से तमाम लोगों को काफ़ी हैरानी हुई थी.
साल 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी किसी चेहरे को सामने लाकर चुनाव नहीं लड़ी थी लेकिन जिन कुछेक लोगों के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार के तौर पर लिए जा रहे थे उनमें योगी आदित्यनाथ भी एक थे लेकिन ऐसा नहीं था कि इस पद पर उनकी नियुक्ति बहुत स्पष्ट तरीक़े से देखी जा रही थी.
यही नहीं, ऐन मौक़े पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का नाम तो मुख्यमंत्री पद के लिए लगभग फ़ाइनल समझा जाने लगा था लेकिन ऐन मौके पर योगी आदित्यनाथ के नाम का एलान कर दिया गया. विवादों से बचने के लिए पार्टी ने दो उपमुख्यमंत्री की भी घोषणा कर दी.
योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे अमित शाह भले ही उनकी 'निष्ठा और कार्यकुशलता' जैसी योग्यता को ज़िम्मेदार बता रहे हों लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय इससे अलग है.
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वरिष्ठ पत्रकार शरद प्रधान कहते हैं कि 'ऐसा कहकर अमित शाह ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री किसने बनाया है, और इशारों में ये चेतावनी भी निहित है कि किसके प्रसादपर्यंत वो इस पद पर रहेंगे.'
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को लखनऊ में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे.
बतौर मुख्य अतिथि गृह मंत्री अमित शाह ने 65 हज़ार करोड़ रुपए की क़रीब ढाई सौ औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया.
इस दौरान एचसीएल के चेयरमैन शिव नाडर, अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी सहित कई प्रमुख उद्यमी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में यह दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 60 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की नींव रखी थी.
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