एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersपाकिस्तान ने गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पल्ला झा
इमेज कॉपीरइटReuter
पाकिस्तान ने गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पल्ला झाड़ा और कहा कि भारत और वहां का मीडिया ऐसे आरोप न लगाए. उसने यह भी कहा कि पुलवामा ज़िले में हुआ चरमपंथी हमला 'गंभीर चिंता का विषय' है.
पाकिस्तान ने इस हमले पर लिखा है, भारत अधिकृत कश्मीर के पुलवामा में हुआ हमला चिंता का विषय है. हमने घाटी में हिंसा की घटनाओं की हमेशा निंदा की है. इसके साथ ही हम बिना जांच के भारतीय मीडिया और सरकार द्वारा हमले का लिंक पाकिस्तान से जोड़ने के तमाम आक्षेपों को सिरे से ख़ारिज करते हैं."
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले में गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर लेथपोरा के पास चरमपंथियों ने आईईडी धमाका कर सीआरपीएफ़ के काफिले को निशाना बनाया था. इस हमले में 34 जवान मारे गए और कई घायल हैं.
भारत प्रशासित कश्मीर में हुए इस चरमपंथी हमले को पाकिस्तानी अख़बारों ने प्रमुखता से छापा है.
द नेशन की हेडलाइन है, आज़ादी के लड़ाकों ने हमला बोला, भारत अधिकृत कश्मीर में 44 सैनिकों की मौत"
इमेज कॉपीरइटGetty Image
अख़बार लिखता है कि भारत सरकार ने इस घटना को आतंकवाद का रंग देने की कोशिश की है और दावा किया है कि इसके पीछे पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद है. लेकिन जैश ए मोहम्मद ने भारतीय विदेश मंत्रालय के इस बयान पर तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दी है. अख़बार के मुताबिक इस चरमपंथी संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस घटना के लिए कश्मीरी युवाओं के बजाय जैश ए मोहम्मद को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है. प्रवक्ता ने कहा, जेईएम का इससे कुछ लेना-देना नहीं है."
पाकिस्तान ऑब्जर्बर की हेडलाइन है, भारत अधिकृत कश्मीर में हुए विस्फोट में 44 भारतीय सैनिकों की मौत, दर्जनों घायल"
अख़बार लिखता है कि पिछले दो सालों में भारतीय सुरक्षाबलों पर ये सबसे घातक हमला है. धमाका इतना जबर्दस्त था कि इसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी.
पाकिस्तान टुडे के मुताबिक चरमपंथियों ने धमाके के लिए 350 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया था, जिसे एक कार में रखा गया था. अख़बार ये भी लिखता है कि जिस बस को निशाना बनाया गया था, उसमें 39 जवान सवार थे. बस पर गोलियों के निशान थे, इससे ये संकेत मिलता है कि विस्फोट के बाद छिपे हुए चरमपंथियों ने सुरक्षाबलों के काफिले पर गोलियां भी चलाई.
अखबार लिखता है कि इस सदी में कश्मीर में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. एक अक्टूबर 2001 को तीन चरमपंथियों ने विस्फोटकों से भरी एक कार को श्रीनगर के जम्मू कश्मीर विधानसभा परिसर में टकरा दिया था- इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई थी.
सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया
इमेज कॉपीरइटRAJNISH PARIHA
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर कुछ लोग पुलवामा हमले पर प्रतिक्रिया देते दिखे.
सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तान के एक रिटायर्ड जनरल का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलवामा हमले पर हुई चर्चा के दौरान वो कहते दिख रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में अभी आत्मघाती हमलों का दौर शुरू नहीं हुआ है, लेकिन अब होना शुरू हो गया है.
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर चुके ये जनरल ये भी कहते हैं कि इसके बाद से ही दुनिया कश्मीर के मसले को जान सकेगी.
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।
IC Markets
BBI Trading
FOREX.com
Vantage
FP Markets
ATFX
IC Markets
BBI Trading
FOREX.com
Vantage
FP Markets
ATFX
IC Markets
BBI Trading
FOREX.com
Vantage
FP Markets
ATFX
IC Markets
BBI Trading
FOREX.com
Vantage
FP Markets
ATFX