एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटAFPImage captionडोनल्ड ट्रंप और जो बाइडेनअमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ मह
इमेज कॉपीरइटAFPImage caption
डोनल्ड ट्रंप और जो बाइडेन
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें उनपर अमरीकी संविधान की के विरूद्ध काम करने का आरोप लगाया गया है. जानिए क्या है ये मामला:
ट्रंप पर महाभियोग का मामला जुड़ा है उनके एक प्रतिद्वंद्वी - जो बाइडेन - से जो कि अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं, और साथ ही इस मामले से जुड़ा है एक देश - यूक्रेन.
आरोप ये है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर दबाव डाला कि वो जो बाइडेन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के दावों की जाँच करवाए.
इस आरोप के बाद अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है.
हालांकि ट्रंप ने इन आरोपों का खंडन किया है.
मामले की जड़ क्या है?
जड़ है एक फ़ोन कॉल, जो अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच इस साल 25 जुलाई को हुई.
पिछले हफ्ते खबरें आईं कि अमरीका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है. बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर ज़ेलेंस्की हैं.
इंटेलिजेंस इंस्पेक्टर जनरल ने व्हिसल ब्लोअर की शिकायत को “तत्काल ध्यान में लेने योग्य” और विश्वसनीय माना था. डेमोक्रेट सांसदों ने उस शिकायत की कॉपी को संसद में रखने की मांग की थी, लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इससे इनकार कर दिया.
दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, ये साफ़ नहीं है. हालांकि, डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर जो बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया. और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी.
पढ़िएः
ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू
मुझ पर महाभियोग लगा तो बाज़ार गिर जाएगा: ट्रंप
इमेज कॉपीरइटGetty Images
हालांकि, ट्रंप ने माना है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी जो बाइडेन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने सैन्य मदद रोकने की धमकी इसलिए दी ताकि यूरोप भी मदद के लिए आगे आए.
मगर राष्ट्रपति ट्रंप ने उन आरोपों से इनकार किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर ज़ेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वो ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी जो बाइडेन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के दावों की जांच शुरू करें.
क्या है महाभियोग?
अमरीकी संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति को देशद्रोह, रिश्वत और दूसरे संगीन अपराधों में महाभियोग का सामना करना पड़ता है.
अमरीका में महाभियोग की प्रक्रिया हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स से शुरू होती है और इसे पास करने के लिए साधारण बहुमत की ज़रूरत पड़ती है.
इस पर सीनेट में एक सुनवाई होती है लेकिन यहां महाभियोग को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ती है.
अमरीकी इतिहास में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाया नहीं जा सका है.
इमेज कॉपीरइटEPA
अब क्या होगा?
अमरीकी की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है.
कहा जा रहा है कि निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग पास हो सकता है.
लेकिन सीनेट में इसे पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है और यहां रिपब्लिकन का भारी बहुमत है.
ट्रंप के ख़िलाफ़ पहले भी हुई है कोशिश
ट्रंप के ख़िलाफ़ पहले भी महाभियोग चलाने की बात हुई है.
2016 में हुए चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस के साथ ट्रंप के मिलीभगत के आरोपों के बाद उन पर महाभियोग चलाने की बात हुई थी.
इमेज कॉपीरइटGetty Images
इसके अलावा डेमोक्रेटिक कांग्रेस की चार महिला सांसदों के खिलाफ कथित तौर पर 'नस्लीय टिप्पणी' करने पर भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की मांग उठी थी. हालांकि, इसे खारिज कर दिया गया था.
ट्रंप पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दो महिलाओं के साथ अंतरंग संबंधों को गुप्त रखने के लिए रकम देने का भी आरोप लगा था.
ट्रंप के वकील और साथी रहे माइकेल कोहेन ने अंतरंग संबंधों को गुप्त रखने के लिए रकम देने की बात स्वीकार की थी.
इसके लिए भी उन पर महाभियोग चलाने की चर्चा हुई थी.
हालांकि, यह अलग बात है कि इन मामलों में ट्रंप पर महाभियोग नहीं चलाया जा सका और वह पद पर बने रहे.
किसे महाभियोग का सामना करना पड़ा?
अमरीका के इतिहास में कई बार महाभियोग का बादल गहराया, लेकिन केवल दो राष्ट्रपतियों को ही इसका सामना करना पड़ा.
अमरीका के इतिहास में महाभियोग का हालिया मामला अमरीका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का रहा.
इमेज कॉपीरइटGetty Images
बिल क्लिंटन को एक व्यापक जूरी के समक्ष झूठी गवाही देने और न्याय में बाधा डालने के मामले में महाभियोग का सामना करना पड़ा था.
मोनिका लेविंस्की से प्रेम संबंधों के मामले में उन्होंने झूठ बोला था. इसके साथ ही उन पर यह भी आरोप था कि बिल क्लिंटन ने मोनिका लेविंस्की को भी इस मामले में झूठ बोलने के लिए कहा था.
बिल क्लिंटन के अलावा एन्ड्रयू जॉन्सन एकमात्र राष्ट्रपति हैं जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा था. जॉन्सन अमरीका के 17वें राष्ट्रपति थे. वह 1865 से 1869 तक अमरीका के राष्ट्रपति रहे थे.
जॉनसन के ख़िलाफ़ 1868 में हाउस में महाभियोग लाया गया था. तब के युद्ध मंत्री एडविन स्टैंचन के हटने के 11 दिन बाद ही उनके ख़िलाफ महाभियोग लाया गया था. एडविन राष्ट्रपति की नीतियों से सहमत नहीं थे.
जॉन्सन का मामला बिल क्लिंटन से बिल्कुल उलट था. जॉनसन का महाभियोग महज एक वोट से बच गया था.
ये भी पढ़ें—
मोदी हैं फ़ादर ऑफ़ इंडिया: ट्रंप
नरेंद्र मोदी का बयान बेहद आक्रामक था: ट्रंप
ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिककर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्रामऔर यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।
IC Markets
BBI Trading
SMART BALANCE
TMGM
HFM
FP Markets
IC Markets
BBI Trading
SMART BALANCE
TMGM
HFM
FP Markets
IC Markets
BBI Trading
SMART BALANCE
TMGM
HFM
FP Markets
IC Markets
BBI Trading
SMART BALANCE
TMGM
HFM
FP Markets