एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersइसराइल में मंगलवार को हुए आम चुनाव में मतदान सम्पन्न होने के बाद अब एक्ज़िट पोल्स
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इसराइल में मंगलवार को हुए आम चुनाव में मतदान सम्पन्न होने के बाद अब एक्ज़िट पोल्स के नतीजे सामने आ रहे हैं.
इन एक्ज़िट पोल्स में मौजूदा प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी बेनी गैन्ट्ज़ के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है.
इसराइली टीवी चैनल पर प्रसारित तीन अलग-अलग एक्ज़िट पोल्स के अनुसार नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी और बेनी गैन्ट्ज़ की मध्यमार्गी ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन को संसद में 31 से 34 सीटें मिलने की उम्मीद है.
इसराइल में बुधवार सवेरे तक शुरुआती रुझान आने शुरू हो जाएंगे और उम्मीद की जा रही है कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए कवायद तेज़ हो जाएगी.
बिन्यामिन नेतन्याहू इस बार रिकॉर्ड पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने की कोशिश में हैं. लेकिन एक्ज़िट पोल्स के नतीजों की मानें तो नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और पूर्व सेनाध्यक्ष बेनी गैन्ट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को संसद में 31 से 34 सीटें मिल सकती हैं, और सरकार बनाने के लिए दोनों ही पार्टियां बहुमत से दूर नज़र आ रही हैं.
लिकुड पार्टी के नेता शैरन हैस्कल को उम्मीद है कि उनकी पार्टी एक बार फिर सरकार बनाएगी.
शैरन हैस्कल ने कहा, “निश्चित तौर पर हम काफी चिंतित हैं लेकिन हम ये भी सोच रहे हैं कि कुछ महीने पहले जो चुनाव हुए थे, एक्ज़िट पोल्स में नतीजे लिकुड पार्टी के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे.”
उन्होंने कहा, “जब असल नतीजे आए तो हमने देखा कि हमें लोगों का समर्थन हासिल था और हम गठबंधन सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते थे. इसलिए हम उम्मीद नहीं हारना चाहते और हमें बस कुछ ही देर का इंतज़ार है जब हम नतीजे देखना शुरु करेंगे.”
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लेकिन नेतन्याहू को चुनौती केवल बेनी गैन्ट्ज़ से नहीं है. उन्हें एविगडोर लीबरमैन के नेतृत्व वाली दक्षिणपंथी इसराइल बेटीनू से भी कड़ी चुनौती मिल रही है.
लीबरमैन नेतन्याहू के करीबी सलाहकार और रक्षा मंत्री रह चुके हैं, लेकिन 31 साल साथ काम करने के बावजूद नेतन्याहू और लीबरमैन के बीच गहरे मतभेद हैं.
माना जा रहा है कि लीबरमैन की पार्टी इन चुनावों में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है और ये तय कर सकती है कि कौन सरकार बनाएगा.
एविगडोर लीबरमैन ने इस बात का इशारा भी दे दिया है कि गठबंधन सरकार बनने की संभावना है.
मंगलवार को अपने समर्थकों से उन्होंने कहा, “हमारे पास केवल एक ही विकल्प है- राष्ट्रहित में एक उदारवादी सरकार जिसमें इसराइल बेटीनू, लिकुड और ब्लू एंड व्हाइट पार्टी मिल कर सरकार बनाएं. आर्थिक रूप से और सुरक्षा के लिहाज़ से हम इस वक्त मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं और इस कारण हमारे देश को एक उदारवादी सरकार की ज़रूरत है.”
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इसराइल का इतिहास रहा है कि 120 सदस्यीय संसद में कभी किसी दल को बहुमत नहीं मिला है.
इसी साल अप्रैल में हुए आम चुनावों में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने 120 में से सिर्फ़ 35 सीटें जीती थीं.
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