एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesसुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि अयोध्या विवाद की सुनवाई
इमेज कॉपीरइटGetty Images
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि अयोध्या विवाद की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाने की उम्मीद है.
चीफ़ जस्टिस ने कहा, “18 अक्टूबर तक सभी पक्षों की दलीलें और इस पर बहस समाप्त हो जाने की उम्मीद है.”
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या विवाद में ज़मीन के मालिकाना हक़ पर चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की पाँच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई कर रही है.
पाँच जजों की संवैधानिक बेंच ने बुधवार को यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही इस सुनवाई के साथ-साथ मध्यस्थता की प्रक्रिया भी चलती रह सकती है और अगर इसके माध्यम से सौहार्दपूर्ण समझौता हो जाता है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा सकता है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 8 मार्च को अपने फ़ैसले में मध्यस्थता को मंज़ूरी देते हुए तीन मध्यस्थों की नियुक्ति भी की थी. हालांकि इससे यह विवाद नहीं सुलझा तो सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में वापस शुरू हुई.
इस दौरान चीफ़ जस्टिस ने यह भी कहा कि फ़ैसले को लिखने में चार हफ़्ते का समय लगेगा.
चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हो रहे हैं और उन्हें इससे पहले फ़ैसला देना होगा, क्योंकि इस मामले पर उन्होंने शुरुआत से सभी दलीलें सुनी हैं.
इक़बाल अंसारी पर ‘हमला’, पुलिस ने कहा मामूली झड़प
अयोध्या में राम मंदिर पर सुनवाई: अब तक क्या हुआ
इमेज कॉपीरइटGetty Imagesहाई कोर्ट ने क्या दिया था फ़ैसला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या विवाद में विवादित ज़मीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का फ़ैसला दिया था.
जिस जगह रामलला की मूर्ति है वहां रामलला विराजमान को दिया जाए. सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए जबकि बाक़ी की एक तिहाई ज़मीन सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को दी जाए. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा था.
इमेज कॉपीरइटGetty Imagesज़मीन के मालिकाना हक़ पर विवाद
अयोध्या विवाद भारत में एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी थी.
भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद सहित कई हिंदू संगठनों का दावा है कि हिंदुओं के आराध्यदेव राम का जन्म ठीक वहीं हुआ जहां बाबरी मस्जिद थी. उनका दावा है कि बाबरी मस्जिद दरअसल, एक मंदिर को तोड़कर बनवाई गई थी.
बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद देश में दंगे भड़के और सर्वोच्च अदालत में मंदिर निर्माण के लिए विवादित भूमि के हस्तांतरण की ज़ोर शोर से मांग उठाई गई.
मालिकाना हक़ का ये मामला देश की अदालतों में 1949 से ही चला आ रहा है.
फिर आज़ादी के बाद 1949 में सरकार ने इसे विवादित घोषित कर यहां ताला लगा दिया.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिककर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
अस्वीकरण:
इस लेख में विचार केवल लेखक के व्यक्तिगत विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस मंच के लिए निवेश सलाह का गठन नहीं करते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म लेख जानकारी की सटीकता, पूर्णता और समयबद्धता की गारंटी नहीं देता है, न ही यह लेख जानकारी के उपयोग या निर्भरता के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी है।
FP Markets
FOREX.com
BBI Trading
XM
Octa
SECURETRADE
FP Markets
FOREX.com
BBI Trading
XM
Octa
SECURETRADE
FP Markets
FOREX.com
BBI Trading
XM
Octa
SECURETRADE
FP Markets
FOREX.com
BBI Trading
XM
Octa
SECURETRADE